बेरोजगारों से परीक्षा शुल्क लेकर, MP बोर्ड बना करोड़पति ? | |||||
[widget id=”text-160″]बेरोजगारों से बम्पर कमाई कर रहा MP Recruitment Board, 4 सालों में ले लिए 239 करोड़ रुपये से ज्यादा !जी हाँ, बिलकुल सही और सच सुन रहें है आप लोग ! एक बार को तो आपको भी आश्चर्य होगा लेकिन ये 100 प्रतिशत सच है कि मध्य प्रदेश राज्य का सुप्रसिद्ध भर्ती बोर्ड जिसे की व्यापम के नाम से जाना जाता है एक बार फिर से सुर्ख़ियों में हैं, और जैसा की कहा जा रहा है की एमपी प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (MPPEB) ने बीते कुछ सालों में बेरोजगार युवाओं से 455 करोड़ रुपये की कमाई की है, जिसमे रिकॉर्ड के अनुसार परीक्षा शुल्क के नाम पर ली गयी राशि का डाटा कुछ इस तरह है : – वर्ष 2017 में 100 करोड़ 67 लाख रुपए वर्ष 2018 में 42 करोड़ 22 लाख 32 हज़ार वर्ष 2019 में 27 करोड़ 39 लाख 27 हज़ार वर्ष 2020 में 62 करोड़ 88 लाख 910 रुपए एवं वर्ष 2021 में 6 करोड़ 09 लाख 94 हज़ार रुपए लिए गए हैं परीक्षा शुल्क के नाम पर Get Free Mock Test For Your Examआपकी जानकारी के लिए बता दें, व्यापम पे लग रहे ये आरोप आधारहीन नहीं है बल्कि सदन में इसे लेकर सवाल उठाये गए है और साथ ही कहा गया है कि 2011-2021 के बीच व्यापमं ने फॉर्म भरने वाले बेरोजगार युवाओं से 1047 करोड़ रुपये वसूले हैं। इसमें से परीक्षा लेने पर खर्च महज 592 करोड़ रुपये हुए हैं। बाकी के पैसे बचे हुए हैं। MP VYAPAM SCAM दरअसल, बीते मंगलवार को विधानसभा में कांग्रेस के विधायक जीतू पटवारी ने खेल एवं युवा कल्याण मंत्री से सवाल किया था कि क्या वह ये बताने की कृपा करेंगी कि व्यापमं के 2011-12 से 2020-21 तक वार्षिक आय व्यय क्या है। और साथ ही 31 जनवरी 2022 में व्यापमं के किस-किस बैंक में कितनी राशि की सावधि जमा है। और इतना है नहीं जीतू पटवारी ने ये भी सवाल किया था कि व्यापमं में प्रतिवर्ष करोड़ों की आय है और सैकड़ों करोड़ों की राशि बैंक में जमा है तो वह बेरोजगारों से इतना भारी शुल्क क्यों ले रहा है। जहाँ इस सवाल के जवाब पर कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि पिछले 10 साल में व्यापमं में फीस के नाम पर उम्मीदवारों से 1047 करोड़ रुपये वसूले गए हैं। परीक्षाओं पर करीब 592 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। साथ ही व्यापमं ने 455 करोड़ का लाभ कमाया है। अलग-अलग बैंकों के एफडीआर में 404.35 करोड़ रुपये जमा है। इसके साथ ही कमाई की राशि में से 10 करोड़ रुपये राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को दी गई है। ऐसे में अब ये सवाल उठना लाजमी है कि क्या इन बीते वर्षों में इनती भारी परीक्षा शुल्क लेकर व्यापम ने इसके अनुरूप इतनी नौकरीयां छात्रों को दी भी है? क्योंकि अगर दी होती तो बजट सत्र 2020 में पेश आर्थिक सर्वेक्षण में राज्य में बेरोजगार युवाओं की संख्या जो की 24.72 लाख थी, वो 2021 में 30.23 लाख ना हुई होती। साथ ही आपको बता दें कि प्रदेश में शिक्षित युवाओं का प्रतिशत भी 93.37 प्रतिशत (कुल बेरोजगारों का) से बढ़कर 95.07 प्रतिशत हो गया है। तो पिछले साल राज्य में कुल 5.46 लाख बेरोजगार बढ़े हैं, और राज्य में 35 फीसदी बेरोजगार युवा स्नातक हैं। Get Free Mock Test For Your Exam“मै वादा करता हूँ सरकारी नौकरी पाने के पश्चात पूरी ईमानदारी व निष्ठा से कार्य करूँगा/ करुँगी |” [widget id=”text-162″] | |||||
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